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Showing posts from 2018

ਨਾ ਮੁੜਦਾ ਸੋਮਵਾਰ

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(ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦੀ ਅਸਲੀ ਘਟਨਾ) ਸਰਦੀ ਦੀ ਨਵੀ ਸੇਵਰ ਸੀ ਤੇ ਉਹ ਆ ਚੁਕਾ ਸੀ। ਰੋਜ਼ ਵਾਂਙ, ਟਰੱਕਾਂ ਤੇ ਕਾਰਾਂ ਦੀ ਵੱਗਦੀ ਸੜਕ ਤੇ ਓਹਨੇ ਨੁੱਕੜ ਤੇ ਆਪਣਾ ਸਾਇਕਲ ਲਾ ਦਿਤਾ।ਕਿਰਾਏ ਦੀ ਲੀਤੀ ਛੋਟੀ ਜਿਹੀ ਦੁਕਾਨ ਖੋਲੀ ਤੇ ਮੇਜ਼ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਕੇ ਚੁਲ੍ਹਾ ਸਜਾ ਲਿਆ। ਓਹਨੀ ਦੇਰ ਨੂੰ ਦੁੱਧ ਵਾਲਾ ਬੰਦਾ ਆ ਚੁੱਕਾ ਸੀ। ਦੁੱਧ ਪੁਆਇਆ ਤੇ ਪਹਿਲਾ ਤਬਕਾ ਚਾਅ ਦਾ ਖੱਬੀ ਗਲੀ ਦੀ ਫੈਕਟਰੀ ਵਿਚ ਦੇਣ ਚਲਾ ਗਿਆ। ਮੈ ਕੋਠੇ ਧੁੱਪੇ ਖੜਾ ਕਿੰਨੂੰ ਖਾ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਮੈ ਓਨੁ ਆਵਾਜ਼ ਮਾਰੀ  "ਰਾਜੂ, ਇਕ ਚਾਹ ਮੇਰੀ ਵੀ ਫੜਾ ਜਾ"।   ਉਹ ਰੋਜ਼ ਵਾਂਗ ਆਇਆ ਤੇ ਮੇਰੇ ਕੰਪਿਊਟਰ ਦੇ ਮੇਜ ਤੇ ਚਾਹ ਰੱਖ ਤੁਰ ਗਿਆ। ਮੈ ਰੋਜ਼ ਰੋਟੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁਫਲੀ ਲੈਣ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ਤੇ ਆਉਂਦੇ ਹੋਏ ਓਦੇ ਅੱਡੇ ਤੇ ਬਹਿ ਚਾਹ ਪੀਂਦਾ ਸੀ ਤੇ ਮੁਫਲੀ ਮੁਕਾਂਦਾ ਸੀ। ਗੱਲਾਂ ਮਾਰਦੇ ਦਿਨ ਲੰਗੀ ਜਾਂਦੇ ਸੀ। ਇਕ ਦਿਨ ਮੈ ਪੁੱਛਿਆ "ਰਾਜੂ ਤੇਰੇ ਕਿੰਨੇ ਬੱਚੇ ਨੇ"? ਤੇ ਜਵਾਬ ਦੇਂਦਾ "ਦੋ ਨੇ, ਬੜੇ ਹੁਸ਼ਿਆਰ ਨੇ, ਫਰਸਟ ਆਉਂਦੇ ਨੇ ਸਕੂਲੋ"। ਮੈ ਕਿਹਾ "ਕਮਾਲ ਹੈ ਫੇਰ ਤੇ, ਨਾ ਰੋਸ਼ਨ ਕਰਨਗੇ ਤੇਰਾ"। "ਕਹਿੰਦਾ ਇਹ ਹੀ ਤੇ ਦਿੱਕਤ ਆ। ਕੰਪਿਊਟਰ ਦਾ ਜ਼ਮਾਨਾ ਹੇਗਾ ਤੇ ਸਕੂਲੇ ਉਹ ਹੈ ਨਹੀਂ"।  ਮੈ ਕਿਹਾ "ਉਹ ਤੇ ਹੈ" ਤੇ ਮੈ ਤੁਰ ਗਿਆ। ਇਕ ਦਿਨ ਥੱਲੇ ਬੜਾ ਰੌਲਾ ਸੀ ਤੇ ਮੈ ਜਾਕੇ ਦੇਖਿਆ ਤੇ ...

Cryptoprofile: Empowering a Blockchain Revolution Towards a Safer and more Secure ICO

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Cryptoprofile: Empowering a Blockchain Revolution Towards a Safer and more Secure ICO With the surge of cryptocurrencies, there has been an increase in the number of ICOs. It has become a popular way to fund a cryptocurrency project. Since 2009 till date, we have seen many ICO flourish but at the same time, it also paved the way for new competition in the market. Well, as they say, the necessity is the mother of invention, the need for ICOs to appear different to the investors while maintaining a high level of transparency, it becomes necessary to find new ways to lure the investors. This further gave rise to Airdrop which many ICOs implement in the present time. CryptoProfile’s Super Big Airdrop Machine is one such attempt to revolutionize the ICOs Airdrop by providing a trustworthy platform for investors. The company aims at overcoming the challenges that the current Airdrop platforms have.   The Airdrop programs are best for those who want to participate in the ICOs but ...

Beginners Guide to Invest in an ICO

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ICOs have become very common today. With the surge of cryptocurrencies in 2009, we have seen many applications of the same. ICOs are one aspect of it which has gained popularity owing to its inventiveness of promoting the business and helping the startups to raise funds for their business ideas. ICOs or Initial Coin Offering is a popular way of crowdfunding. In simple words, ICO is a crowdfunding system wherein the companies receive digital currency instead of fiat currencies. The sale of the token is the main objective of an ICO. What is an ICO? ICO or Initial Coin Offering is defined as a period time that the investors who wish to invest in a cryptocurrency project. These investors buy tokens at a fixed price. The price is fixed to the Bitcoins but now there are other methods of payments that have emerged, payments through Ethereum and other cryptocurrencies have become an integral part of ICO. As mentioned above, ICO is a type of crowdfunding, the investors buy tok...

वो क़र्ज़ लौटाना था तुम्हे

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वो   क़र्ज़   लौटाना   था   तुम्हे , पर   तुम   चले   गए। वो   फ़र्ज़   लौटाना   था   तुम्हे , पर   तुम   चले   गए। वो   कबूतर   रूठे   बैठे   हैं , अब   खाना   खाने   नहीं   आते। उस   भरे   कसोरे   में , अब   वो   नहाने   नहीं   आते। पतंगों   से   भरा   कोठा , थोड़ा   सुनसान   रहता   है। वो   ऊँची   पतंग   हमारे   घर   से   है , शहर   उससे   थोड़ा   अब   अनजान   रहता   है। वो   पौधे ,  जो   लगाए   थे   तुमने , काफ़ी   बड़े   हो   गए   हैं। बे-मौसमी   हवाओं   को   चीरते , अपने   पैरो   पर   खड़े   हो   गए   हैं। उन   पौधों   पर   फूल   आ   रहे   हैं , ये   बात   बतानी   थी   तुम्...

चाँद से संभाषण

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कल शाम फिर आसमान में नया चाँद खिला था , देख उसे प्रतिरात की तरह , झड़प हो गयी , वो आज फिर उसे देखने आया है , दूर से ही , पर फिर उसे निहारने आया है , देखने आया है क्यों कोई मुझसे अत्यंत नायाब है , सच है , यां नींद से भागा कोई ख़्वाब है। क्यों उसे रोशनी के लिए , सूरज की जरूरत नहीं , क्यों उसे सजने के लिए , शृंगार की जरूरत नहीं , क्यों वो भी अँधेरी रात में जलती लो की आस है , और क्यों वो मेरे नहीं प्रकृति के पास है। चाँद से गुज़ारिश की , कुछ बयां करो कैसी है वो , चाँद शरमा कर बोला , लेहरो से परे जो शांत समुन्दर है , वैसी है वो , जैसे घर सजता है , नई दुल्हन के पाँव लगे सिंदूर से , बस उसके आने से यही प्रकृति सजी थी , खुशबूदार फूलों से लभा-लभ। मुझे देखना है उसे , हठ की मैने , रो पड़ा चाँद , इस बार बदलो की गैरमौजूदकी में , लौट जा सुबह आने वाली है , ना नींद तुझे आती है न उसे आने वाली है। अमावस लेने आएगी मुझे , पर वो रहेगी दिया जलाने को , जो अक्सर मेरे भेजे बादल जाते है , हवा से भुजाने को। तू नहीं देख सकता उसे , झगड़ मत तू...