एक ख्वाब, तुम्हारे साथ

काश ऐसा भी हो सकता,
में तुम्हारे ख्वाबों से अपने ख्वाब जोड़ देता,
तुम मेरे ख्वाबों से अपने आप को देखती,
महसूस करती, मुस्कराती, प्यार करती,
तुम्हे बस तुम ही नज़र आती,
चांदनी रात में सितारों कि चादर ओढ़े हुए,
सरसों को तुम्हारे छूते ही खिलते हुए,
काश ऐसा भी हो सकता,
में तुम्हारे ख्वाबों से अपने ख्वाबों को जोड़ सकता!

एक दिन मैं सोया था,
गहरी नींद में,
ख्वाबों की दुनिया में,
तभी एक आहट आई,
मैंने उस आहट कि तरफ गौर किया,
तो मुझे तुम्हारी महक आई,
मेने तुम्हे महसूस किया,
मैं नदी के इस पार था,
तुम नदी के उस पार थी,
तुमने अपने सुर में मुझे आवाज़ दी,
मेने तुम्हे पुकारा,
तुमने हमसे गुजारिश कि,
आधी नदी तुम आयोगे आधी नदी मैं आउंगी,
तुम हर कदम मेरे करीब आ रही थी,
ओर मैं वहां खड़ा तुम्हे देख रहा था,
आधी नदी पहुँच कर तुमने हमे पुकारा,
हमने अपने पाँव नदी कि और बढ़ाये,
जैसे ही उस ठन्डे पानी ने हमारे पाँव को छुआ,
हमारी नींद खुल गई,
काश ये ख्वाब न होता,
अगर ख्वाब है तो काश ये ख्वाब हम तुम्हे दिखा सकते,
ओर जो हम तुम्हारे लिए महसूस करते है,
तुम्हे भी हम महसूस करवा पाते,
जितना प्यार हम तुमसे करते है,
वो हम ख्वाब में बता सकते,
काश हम तुम्हारे ख्वाब के साथ अपना ख्वाब जोड़ सकते!

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