जिंदगी थम न जाये


जिंदगी थम न जाये, इसी बात से डर लगा रहता है,

कली, बिना फूल बने मुरझा न जाये,

पत्ते पेड़ से झड़ न जाये,

कश्ती किनारे से पहले डूब न जाये,

उम्मीद पूरी होने से पहले टूट न जाये,

इसी बात से डर लगा रहता है,

जिंदगी कहीं थम न जाये, इसी बात से डर लगा रहता है!


इरादे हमेशा मजबूत रहेंगे,

वादे कही टूट न जाये,

सोच और साँसे अभी भी जवां है,

पर मरने का डर न जाने क्यों लगा रहता है,

जिंदगी थम न जाये, इसी बात से डर लगा रहता है!


काले बादलों में भी धूप कि गर्मी सता रही है,

जिंदगी हमसे खफा होती जा रही है,

अपनों से रिश्ते टूट न जाये, इसी बात से डर लगा रहता है,

जिंदगी कहीं थम न जाये, इसी बात का डर लगा रहता है!


सही राह पर चल रहे है,

पर कही गिर न जाए,

मंजिल मिलने का भी पूरा यकीन है,

उसे पाने से पहले थक न जाए,

इसी बात से डर लगा रहता है,

मेरी ज़िन्दगी कही थम न जाए, इसी बात का डर लगा रहता है!

Comments

Popular posts from this blog

मेरी कल्पना

घर क्या है?

हम फिर मिलेंगे