मुस्कान
तेरे चेहरे की मुस्कान देखने के लिए ही में तेरी तारीफ करता हूँ,
इस मुस्कान की कोई ओर तारीफ न करदे इसलिए इस प्यारी सी मुस्कान
से कभी कभी में डरता हूँ !
से कभी कभी में डरता हूँ !
तेरी इस मुस्कान को देखने के लिए ही हम जी रहे है,
इस मुस्कान की कभी दुःख में न बदलना,
हमारे जीने का मकसद खत्म हो जायेगा !
ध्यान रखना की ये मुस्कान कहीं हमे दीवाना न कर जाये,
अगर इस मुस्कान के हम दीवाने हो गए तो,
कहीं हमे ये मुस्कान दुनिया से बेगाना न कर जाये !
हम आपको भूलने की कोशिश करे तो ये मुमकिन हो सकता है,
पर ये आपकी मुस्कान ही है, जो हमे आपकी याद दिलाती रहती है !
तेरी यह मुस्कान ही है जिसे देखकर हम खुश रहते है,
वरना ये जालिम दुनिया कब का हमे दुःख की लपटों में लपेट चुकी होती !
यह मुस्कान ही है जो पतझड़ में सावण ला सकती है,
यह मुस्कान ही है जो बारिश की बूंदों को सीप का मोती बना सकती है !
यह मुस्कान के जरिये ही तो में हँसता हूँ,
यह मुस्कान कहीं खो न जाये इसी बात से में कभी कभी डरता हूँ,
तेरे चेहरे की मुस्कान देखने के लिए ही में तेरी तारीफ करता हूँ !!!
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