प्रेम का धैर्य से संबंध
प्रेम का धैर्य से क्या संबंध है
प्रेम अगर पुल है तो धैर्य उसपर लगे फट्टे है
वही संबंध प्रेम कहानी को शब्द देता है
अगर प्रेम में धैर्य हो
तो लिखी जा सकती है कविताएँ, दोहे और गीत
यह आहार में नमक की तरह भी है
धैर्य ही माँ को ले जाता है संतान प्रेम की ओर
प्रेम कहानी कोई भी पढ़ने बैठूँ
तो प्रेम से अधिक समझ आता है धैर्य
हो सकता है प्रेम, धैर्य ही हो
एक घर में समृद्धि बिन धैर्य और प्रेम के नहीं आ सकती
मैं कितने ही काम गिन सकता हूँ
जो प्रेम से नहीं धैर्य से होते है
द्रौपदी का धैर्य, बुद्ध का धैर्य
जैविक खेती करने वाले का किसान का धैर्य
एक वैश्य का धैर्य और एक प्रेमी का धैर्य
एक धैर्य ही है जिसने सब बचा कर रखा है
प्रेम को भी
नहीं तो प्रेम अकेला
बिन बारिश का वर्षावन बन जाता
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