औरत का हृदय



शीतल धड़कन कभी सुननी हो,

तो स्तनों के भीतर थोड़ा झाँक लेना। 

संगीत सुनाई दे अगर,

तो नींद ले आना ब्रह्माण्ड में बज रहे सबसे मधुर संगीत में। 


झाँक भी लेना तुम उन आँखों में,

जहाँ स्नेह के झरने बहते है। 


मुँह पर ओढ़ो अगर स्त्री के बालों को,

जीवन की घनी रात में उजाला साक्षी होगा। 


दिल में बज रही वात्सल्य की ध्वनि तक अगर पहुँच जाओ कभी,

तो सचेत और अचेतन मन पवित्रता में नहा लेंगे। 


संसार में रची जा चुकी रमणीय कविताओं को सुनना हो अगर,

एक वैश्य के पास पुरुष वर्चस्व के वस्त्र उतार कर बैठ जाना,

तुम्हें यह ज्ञान होगा,

ईश्वर, ईश्वर तब कहलाया गया,

जब औरत की रचना उससे हुई। 


औरत का दिल अगर पढ़ लो कभी,

तो तुम्हें भी कृष्ण की श्रेणी मिल सकती है।


कल्पना में औरत को चूल्हे से निकाल दो तुम अगर,

तो इस संसार में कितनी अमृता प्रीतम पुनर्जीवित हो सकती है,

योग्य कर सकती है इस संसार को,

फिरसे, रहने लायक़। 

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