कल तुमसे बात हुई



  


कल तुमसे बात हुई,

बातों बातों में मुलाकात हुई,

मुलाकातों में पहचान हुई,

पहचान से पुरानी यादों की बरसात हुई,

कल मेरी मेरे महबूब से बात हुई !!

पुरानी बातों का सावन बरसा,

हसीन पलों का जिक्र हुआ,

तुम्हारे मीठे बोलों की बारिश हुई,

तुम्हारी हँसी के फूलों का बगीचा खिला!!   

तुम्हारे आफ़रीन चेहरे का जीकर हम अक्सर किया करते थे,

तुमसे नहीं,

किसी और से नहीं,

अपने नाज़ुक दिल से किया करते थे,

दिल समझता था, बतलाता नहीं था,

प्यार तुमसे करता था, इज़हार ज़ुबान पे लाता नही था,

उन्ही पुरानी यादों को लेकर तुमसे बात हुई,

कल मेरी तुमसे गुज़रे हुए पलों क बारे में बात हुई..!!!

















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